संवाददाता- अजय सिंह (चिंटु) जयपुर/जोबनेर। मकर संक्रांति के त्योहार के मौके पर पतंगबाजी प्रतियोगिता के लिए राजस्थान की पहचान भारत ही नहीं देश-विदेश में भी युगो-युगो से प्रचलित है। मकर संक्रांति के त्योहार के मौके पर राजस्थान में पतंगबाजी की प्रतियोगिता ना हो तो मकर संक्रांति का उत्साह फीका हो जाता है। पतंगबाजी के लिए आकर्षक पतंगों के साथ-साथ मांझी का भी काफी महत्व होता है। कोरोना के कारण पतंगबाजी का उत्साह फीका नजर आ रहा है, वहीं बाजारों में तरह तरह की आकर्षक पतंगे बिकने के लिए आईं हुई है, वहीं बाजारों में चाईनीज मांझे पर रोक लगाने से एवं इस बार डीजे लगाने पर पाबंदी के बीच पतंगबाजी की रौनक फीकी नजर आईं । कोराना माहमारी के कारण भी बाज़ार सुस्त नजर आ रहे है , बाज़ार तरह तरह की आकर्षक पतंगो से सजा है लेकिन ग्राहकी कमजोर होने से बाजारों में रौनक नजर नहीं आई । वैश्विक महामारी कोरोना के बीच मकर संक्रांति के पर्व पर इस बार कोरोना के प्रति संदेश, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य नेताओं, फिल्म अभिनेता, प्रेम का प्रतीक दिल के चित्र वाली पतंगे लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है, लेकिन कोर...
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