क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ नागमणि और उनकी टीम ने कोरोना को मात देने में निभाई भूमिका

 


मेडिकल कॉलेज से वंचित तथा स्पेशलिस्ट एवं सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की भारी कमी की वजह से चिकित्सा क्षेत्र में बिहार के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े मुंगेर जिला में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट के रूप में पिछले करीब 3 वर्षों से योगदान देने वाले जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र के फरीदपुर गांव निवासी डॉ नागमणि मुंगेर जिला के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए एक मसीहा के रूप में उभर कर सामने आए हैं। 

2020 में कोविड-19 का प्रथम फेज हो या 2021 में कोविड-19 का द्वितीय फेज डॉक्टर नागमणि एवं उनकी टीम ने मुंगेर तथा आसपास के जिलों के कोविड के मरीजों के लिए अपने संघर्षपूर्ण सेवा कार्य से कोरोना जैसे महामारी का डटकर सामना किया और कोरोना को पूरी तरह से मात देने में सफलता हासिल की जिसका नतीजा है कि ऑक्सीजन की कमी झेलने के बावजूद सिटी क्रिटिकल हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ नागमणि ने अस्पताल के संचालक डॉ पवन कुमार, जिला पदाधिकारी रचना पाटिल, सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार सहित कोविड के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जिले के वरीय पदाधिकारियों एवं पूरी चिकित्सीय टीम के सहयोग से मुंगेर जिला में कोरोना वायरस के प्रभाव को काफी हद तक कम करने में सफलता हासिल की। 

कोविड काल में अपने परिवार और सगे संबंधियों से दूरियां बनाकर कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए दिन-रात एक करते हुए डॉक्टर नागमणि एवं उनकी चिकित्सीय टीम ने कोविड-19 के खिलाफ जंग को जीत कर एक बार फिर साबित कर दिया कि धरती पर चिकित्सक भगवान का दूसरा रुप है। 


स्टार ब्लू न्यूज़ साप्ताहिक समाचार पत्र एवं यूट्यूब चैनल को दिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान डॉ नागमणि ने कहा कि उनके लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है कि कोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी से डटकर मुकाबला करने का तथा मौत की दहलीज पर खड़े मरीजों को नई जिंदगी देने का उन्हें अवसर प्राप्त हुआ। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के द्वारा उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए घोषित स्वर्ण पदक पुरस्कार के बारे में उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में उन्हें अधिक से अधिक सीखने की ललक है। मानव सेवा के क्षेत्र में तथा अपनी जन्म भूमि और कर्म भूमि मुंगेर जिला के लोगों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में वे लगातार संघर्ष करते रहेंगे। मुंगेर जिला तथा आसपास के लोगों को चिकित्सीय सुविधाओं का अभाव ना हो इसके लिए वह आगे भी इस दिशा में अपनी लर्निंग एबिलिटी को जागृत रखते हुए मेडिकल रिसर्च क्षेत्र में और अधिक योग्यता हासिल करने का प्रयास करते रहेंगे। इंडियन सोसायटी ऑफ स्टडी ऑफ पेन 2021 में ऑल इंडिया टॉप स्थान को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आज के समय में दर्द की समस्या से देश का एक बड़ा तबका जूझ रहा है। दर्द से संबंधित मुद्दों के समाधान ढूंढने और दर्द से संबंधित बुनियादी विज्ञान में अनुसंधान कर लोगों को इस बीमारी से निजात दिलाने का प्रण लिया है। इसी दिशा में उन्हें इंडियन सोसायटी ऑफ स्टडी ऑफ पेन नामक संस्था से अनुसंधान करने का अवसर मिला और उनके अनुसंधान के लिए उन्हें भारतवर्ष में अव्वल स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने आगे कहा कि इन सभी प्रदर्शनों में उनके माता-पिता के त्याग, बलिदान, उत्साहवर्धन के साथ-साथ पत्नी पूजा कुमारी का भरपूर सहयोग का सबसे बड़ा योगदान है। पुत्री नविशा नव्या के प्यार और विश्वास की वजह से उन्हें इस कोरोना महामारी से लड़ने में काफी उत्साह प्राप्त हुआ।


पुत्र को चिकित्सा के क्षेत्र में स्वर्ण पदक तथा इंडियन सोसायटी ऑफ स्टडी ऑफ पेन 2021 में ऑल इंडिया टॉपर होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रेलकर्मी पिता नंदकिशोर साह एवं माता सुचिता देवी ने कहा कि उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है। उनके पुत्र ने मानव सेवा में अपना तन मन समर्पित कर दिया है, एक चिकित्सक के रूप में वह अपने देश और विशेषकर मानवता का ऋण अदा कर रहा है। 

पत्नी पूजा कुमारी ने कहा कि उनके पति के रूप में उन्हें भगवान का स्वरूप प्राप्त हुआ है। एक पुत्र के रूप में वह माता पिता का सेवा कर रहे हैं। उन्होंने पति धर्म का भी इमानदारी पूर्वक निर्वहन किया है। पिता के रूप में वह अपनी पुत्री नविशा नव्या को भरपूर प्यार देते हैं। एक चिकित्सक के रूप में समाज के प्रति भी उनकी जिम्मेदारी बनती है, जिसका निर्वहन वह इमानदारी पूर्वक कर रहे हैं। 

पुत्री नविशा नव्या ने कहा कि उनके पिता लगभग एक साल से घर में बहुत कम समय देते हैं। फिर भी उनके पिता का प्यार उन्हें भरपूर मिलता है। बड़े होकर वह भी अपने पिता की तरह डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है।

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