मेडिकल कॉलेज से वंचित तथा स्पेशलिस्ट एवं सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की भारी कमी की वजह से चिकित्सा क्षेत्र में बिहार के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े मुंगेर जिला में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट के रूप में पिछले करीब 3 वर्षों से योगदान देने वाले जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र के फरीदपुर गांव निवासी डॉ नागमणि मुंगेर जिला के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए एक मसीहा के रूप में उभर कर सामने आए हैं। 2020 में कोविड-19 का प्रथम फेज हो या 2021 में कोविड-19 का द्वितीय फेज डॉक्टर नागमणि एवं उनकी टीम ने मुंगेर तथा आसपास के जिलों के कोविड के मरीजों के लिए अपने संघर्षपूर्ण सेवा कार्य से कोरोना जैसे महामारी का डटकर सामना किया और कोरोना को पूरी तरह से मात देने में सफलता हासिल की जिसका नतीजा है कि ऑक्सीजन की कमी झेलने के बावजूद सिटी क्रिटिकल हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ नागमणि ने अस्पताल के संचालक डॉ पवन कुमार, जिला पदाधिकारी रचना पाटिल, सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार सहित कोविड के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जिले के वरीय पदाधिकारियों एवं पूरी चिकित्सीय टीम के सहयोग से मुंगेर जिला म
– जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा किया गया आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण – सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी – लोगों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत पूर्णियाँ : 8 जून कोरोना संक्रमण के साथ बढ़ते गर्मी से बचने के लिए सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इस दौरान सेविकाओं द्वारा परिवार में उपस्थित सभी लोगों, विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को ध्यान में रखने की जानकारी दी जा रही है. इसे लेकर आईसीडीएस डीपीओ शोभा सिन्हा द्वारा जिले के बैसा प्रखंड के मीरगंज में आंगनबाड़ी केंद्र का निरक्षण किया गया. निरक्षण में डीपीओ द्वारा सेविकाओं से उनके पोषक क्षेत्र की जानकारी प्राप्त की गई और उन्हें लोगों को घर घर जाकर स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी देने और गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के ध्यान रखने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि जिले में सभी जगह सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर सम्बंधित जानकारी दी जा रही है. गर्भवती व धात्री महिलाओं को दें जानकारी : निरक्षण में डीपीओ द्वारा सेविकाओं को गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य सम्
– कोरोना काल में थैलेसीमिया मरीजों को विशेष सतर्कता की जरूरत – खून में हीमोग्लोबिन के निर्माण में रहती है कमी – घातक अनुवांशिक बीमारी है थैलेसीमिया – प्रतिवर्ष 8 मई को मनाया जाता है वर्ल्ड थैलेसीमिया डे – “डौनइंग ऑफ़ ए न्यू एरा फॉर थालेसेमिया” है इस वर्ष की थीम अररिया : 08 मई कोरोना संक्रमण के समय सभी लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत है. खासकर जो थैलेसीमिया के मरीज हैं उसपर मुख्य रूप से ध्यान देने की जरूरत है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण का खतरा बुजुर्गों, बच्चों या किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को ज्यादा है. थैलेसीमिया खून से संबंधित एक बीमारी है जिसमें ऑक्सीजन वाहक प्रोटीन जिसे हेमोग्लोबिन कहते हैं और आरबीसी यानी रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाएं) शरीर में सामान्य से कम मात्रा में होते हैं. थैलेसीमिया मरीजों की इम्युनिटी सिस्टम भी ज्यादा कमजोर होती है. इसलिए थैलेसीमिया के मरीजों को विशेष तौर पर खयाल रखना जरुरी है. ऐसे समय में घर पर माहौल खुशनुमा रखना, उनके वजन व सेहत का ख्याल रखना, नियमित रूप से डॉक्टरों के संपर्क में रहने पर ध्यान देना जरूरी है. विश्व स्वास्थ्य
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