पूर्णिया जिले में 7 लाख 88 हजार से अधिक बच्चों को पिलाई जाएगी "दो बूंद जिंदगी की"

 

जिले में  हुई पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत


- सिविल सर्जन द्वारा सदर अस्पताल में बच्चों को दो बूंद दवा पिलाकर की गई शुरुआत

- जिले में 7 लाख 88 हजार से अधिक बच्चों को पिलाई जाएगी "दो बूंद जिंदगी की"

- दो बूंद पोलियो की दवा रखता है 12 जानलेवा बीमारी से सुरक्षित

- कोविड-19 टीकाकरण भी रहेगा सुचारू रूप से चालू


पूर्णिया।। जिले में 0 से 05 वर्ष तक के बच्चों के सुरक्षित जीवन के लिए पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा द्वारा सदर अस्पताल के प्रतिरक्षण केंद्र में उपस्थित बच्चों को दो बूंद दवा पिलाकर की गई। इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों को अपने 0 से 05 वर्ष के बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दो बूंद पोलियो की दवा जरूर पिलाने की अपील की। उन्होंने कहा पोलियो एक बहुत ही गंभीर बीमारी है जो लोगों को किसी भी उम्र में लकवा से ग्रसित कर सकता है। बच्चे इसके शिकार आसानी से हो जाते हैं इसलिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को नियमित रूप से ससमय दो बूंद पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। इसके साथ ही सिविल सर्जन ने लोगों से कोविड-19 का टीका भी लगवाने की अपील की। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा सरकार द्वारा वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड-19 टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए जिले में सभी जगह टीकाकरण केंद्र भी बनाए गए हैं। लोगों को अपने नजदीकी टीकाकरण स्थल पर जाकर कोविड-19 का टीका लगाना चाहिए। लगाया जा रहा टीका बिल्कुल सुरक्षित है और यह लोगों को संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक होता है। प्रतिरक्षण केंद्र में पल्स पोलियो अभियान के शुभारंभ के दौरान एसीएमओ डॉ. वी.पी. अग्रवाल, डीआईओ डॉ. सुरेंद्र दास, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह के साथ ही यूनिसेफ, डब्लूएचओ, केयर इंडिया आदि सहयोगी संस्थान के सदस्य उपस्थित रहे।


7 लाख 88 हजार से अधिक बच्चों को मिलेगी "दो बूंद जिंदगी की" 


जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुरेंद्र दास ने बताया 27 जून से 01 जुलाई तक के पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान के दौरान जिले में कुल 07 लाख 88 हजार 449 बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 6 लाख 74 हजार 176 घरों का भ्रमण किया जाएगा। जिले में 1643 टीम बनाए गए हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलायेंगे। इसके अलावा इस अभियान के लिए जिले में 157 ट्रांजिट टीम, 52 मोबाइल टीम भी बनाई गई है जो हाई रिस्क गांवों/मोहल्लों, ईट भट्ठों, घुमंतू लोगों के बच्चों को पोलियो दवा पिलायेंगे। अभियान के लिए जिले में 126 सब-डिपो बनाए गए हैं और निरोक्षण के लिए 611 सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है। 


12 जानलेवा बीमारी से सुरक्षित रखता है पोलियो की दवा 


एसीएमओ डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने कहा पोलियो एक खतरनाक बीमारी है जो लोगों को किसी भी उम्र में लकवा से ग्रसित कर सकता है। मुख्य रूप से पोलियो रीढ़ की हड्डी एवं मस्तिष्क को नुकसान पहुँचता है। पोलियो की बीमारी लोगों को किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चों में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। दो बूंद पोलियो की दवा बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखता है। इसलिए सभी लोगों को अपने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को नियमित रूप से पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। 


कोविड-19 टीकाकरण भी रहेगा सुचारू रूप से चालू 


डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा पांच दिवसीय पोलियो अभियान के साथ ही जिले में कोविड-19 टीकाकरण भी सुचारू रूप से जारी रहेगा। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं जहां 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अपना टीका लगा सकते हैं। बुजुर्गों के लिए जिले में टीका एक्सप्रेस भी चलायी जा रही है जिसके द्वारा बुजुर्गों को उनके घरों के आसपास कोविड-19 टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा लोगों को कोविड-19 टीका का दोनों डोज लेना जरूरी है। इसलिए लोगों को टीका का दोनों डोज लगाना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी सावधानी जैसे नियमित मास्क का प्रयोग, सैनिटाइजर का इस्तेमाल, लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह ध्यान रखना चाहिए।

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